Child's Education: आज का समय हो या पहले का, हर मांबाप की इच्छा होती है बच्चों को शिक्षित करना और इतना पढ़ानालिखाना कि बच्चा उच्च शिक्षा ले कर डाक्टर, इंजीनियर यहां तक कि आईएएस औफिसर बन जाए, ताकि उस की समाज में न सिर्फ रुतबा हो, बल्कि उन का बच्चा आलीशान जिंदगी भी जिएं.
हर मांबाप यही चाहते हैं कि जिस तरह उन को अपनी जिंदगी बसर करने के लिए पूरी जिंदगी संघर्ष करना पड़ा, ऐसा उन के बच्चों को न करना पड़े, जिस के चलते वे कर्ज ले कर भी अपने बच्चों को इतना शिक्षित बनाते हैं या बनाने की कोशिश करते हैं ताकि उन का बच्चा समाज में सम्मानित जिंदगी जी सकें. इस की वजह से वे कई बार अपने बच्चों की पढ़ाई को ले कर इतने कड़क हो जाते हैं कि बच्चा कई बार डर के मारे गलत कदम उठा लेता है, जो एक बच्चे के लिए बहुत ज्यादा हानिकारक भी हो जाता है.
बच्चों में डर
कई बार मांबाप की यह इच्छा जिद में बदल जाती है और फिर डर के मारे या विद्रोही हो कर बच्चे मांबाप के खिलाफ चले जाते हैं या कई बार आत्महत्या तक कर लेते हैं, जो किसी भी हद तक सही नहीं है.
अगर मांबाप बच्चों को पढ़नेलिखने पर जोर देते हैं तो वह सिर्फ इसलिए कि उन का बच्चा अनपढ़ होने की वजह से बेवकूफ न बनें या कोई उन का फायदा न उठा सके.
एक पढ़ालिखा इंसान भले ही डाक्टर, इंजीनियर न हो लेकिन उसे इतना ज्ञान जरूर होता है कि क्या अच्छा है और क्या बुरा है या क्या सही है और क्या गलत है. इसलिए शिक्षित होने के बाद एक बच्चा जब एक आदमी या औरत के रूप में समाज में सरवाइव करता है तो कोई उस का फायदा नहीं उठा पाता.
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