Rakhi Special: भाईबहन का रिश्ता अनमोल होता है. शादी के बाद कई बार भाईबहन एकदूसरे से दूर हो जाते हैं. लेकिन फिर भी औफिस में या पड़ोस में कोई बहन बन जाती है और पति पूरी शिद्दत से उस नए बने भाईबहन के रिश्ते को निभाता है. लेकिन दिक्कत तब आती है जब पत्नी उसे अपनी ननद नहीं बल्कि प्रतिद्वंदी समझने लगती है. वह उस से सिर्फ जलती ही नहीं बल्कि उस के और पति के रिलेशन पर शक भी करने लगती है, जिस से सभी का रिश्ता उलझ जाता है. कई बार यह शक सही भी हो सकता है लेकिन ज्यादातर बेवजह ही होता है.
यह बड़ी बात है कि आज के समय में कोई अपना कहने वाला आप की जिंदगी में है, जो एक आवाज पर आ जाएगा. उसे अपने बेकार के शक के चलते न खोएं. आज की तारीख में मांबाप पता नहीं कहां चले जाएंगे. असली भाईबहन पता नहीं कितनी दूर चले जाएंगे. पहले 5 पीढ़ियां एक ही घर में रहती थी तो पता था खाना तो मिल ही जाएगा, बीमार होने पर कोई न कोई केयर भी कर ही देगा. लेकिन अब घर अलगअलग हो गए. सामने के घर में कौन पड़ोसी है पता नहीं. इसलिए अगर कुछ सच्चे रिश्ते मिल रहे हैं तो उन्हें संभाल कर रखें न कि उन्हें ऐसे ही हाथ से जाने दें.
ऐसे करें हैंडल
उन्हें शक के घेरे में बहुत हद तक न लाएं. कई बार बेवजह ही हम पति की बनाई हुई बहनों पर शक करने लगते हैं और अच्छेभले रिश्तों को अपनी बेकार की सनक के चलते खराब कर देते हैं. जैसेकि सिर्फ इसलिए कि एक दिन वह सिनेमा हाल में फिल्म देखते मिल गए या फिर किसी कौफी पीते दिख गए तो शक की वजह मिल गई, ऐसा नहीं होना चाहिए. इस पर यह न सोच लें कि दोनों रात में सो भी साथ ही रहे हैं. कौफी हाउस में कौफी पीना कोई गुनाह नहीं है.
इसी तरह इस बात पर न लड़ें कि हम ने उन्हें खाने पर बुलाया था और तुम उसे ले कर कोने में खुसुरपुसुर कर रहे थे. अगर कर भी रहे थे तो क्या हुआ होगी कोई बात. हो सकता है कि आप को ही सरप्राइज देनी की तैयारी चल रही हो और आप ने बीच में घुस कर लड़ना शुरू कर दिया कि मैं तम्हें छोड़ कर जा रही हूं.
पति की मुंहबोली बहन को दीदी ही कहें और भाभी ही बुलवाएं
आप खुद से रिश्तों की मर्यादा बनाएं. पति की बहन को दीदी बुलाएं, भले ही वह उम्र में आप से कुछ छोटी ही क्यों न हो. इस से आपके बीच ननद भाभी का रिश्ता हो जाएगा. वह भी आप को भाभी ही बोलेगी और आप के पति को भाई समझ कर ही व्यवहार करेगी.
एकदूसरे से ईर्ष्या न रखें
सगी बहनों को तो भाभी फिर भी झेल लेती है लेकिन इस तरह की नकली बहन जो औफिस या घर के आसपास बनी हो भाभी कम ही झेल पाती है. लेकिन भाभी और ननद को जलन और तुलना करने वाली सोच से भी बचना चाहिए क्योंकि घर के हर सदस्य की अपनी पहचान और महत्ता होती है. ऐसे में भाभी को ननद से और ननद को भाभी से जलन नहीं करनी चाहिए. अगर आप जलन की भावना नहीं रखेंगी, तो रिश्ते में प्यार और सम्मान बढ़ता है.
खुद भी ननद के साथ टाइम स्पैंड करें
अपनी ननद की दोस्त बनने की कोशिश करें. ऐसा न हो कि बहन का रिश्ता सिर्फ भाई से ही हो बल्कि आप भी अपनी ननद के साथ टाइम स्पैंड करें. उस के साथ कोई बिजनैस या कोई काम करें. कोई काम साथ साथ करेंगे तो असलियत में शक का कीड़ा कम होगा. दोनों घूमने या शौपिंग के लिए जाएं. आपस में रिलेशन बेहतर रखें. भाभी को साड़ी खरीदनी है और समझ नहीं आ रहा क्या खरीदें, तो उन की मदद करें. अगर बहन से संबंध बनाए रखना है, तो उस की शौपिंग की सलह भी मानें और आप दोनों भी एकदूसरे के करीब आएं.
स्पेस का सम्मान करें
ननद और भाभी, दोनों की ही पर्सनल लाइफ होती है और जीने का तरीका भी अलग होता है. ऐसे में ननद को भाभी की जिंदगी में दखल देने से बचना चाहिए और यही बात भाभी को भी ध्यान रखनी चाहिए. ननद और भाभी को रिश्ता मजबूत बनाए रखने के लिए पर्सनल स्पेस और प्राइवेसी का सम्मान करना चाहिए.
स्पैशल दिनों का रखें खयाल
भाभी और ननद दोनों को ही एकदूसरे के जन्मदिन, शादी की सालगिरह और अन्य खास दिनों का खयाल रखना चाहिए. सिर्फ खयाल ही नहीं, कोशिश करें कि इन खास दिनों को साथ बिताएं और यादगार बनाने के लिए ऐफर्ट्स डालें. स्पैशल दिनों पर विश करने के साथसाथ गिफ्ट दे कर भी आप पति की बहनों के साथ रिश्ता बेहतर बनाए रख सकती हैं.