Rajesh Khanna: फिल्म इंडस्ट्री मानती है कि बॉलीवुड के पहले राजेश खन्ना थे , इन्होंने ही सुपरस्टार की परंपरा शुरू की. राजेश खन्ना की पौपुलरिटी का यह आलम था की लड़कियां उनकी कार के सामने लेट जाती थी, ताकि एक बार राजेश खन्ना के दीदार हो सके. इतना ही नहीं कई दीवानी लड़कियां राजेश खन्ना के नाम का सिंदूर अपनी मांग में भरती थी. एक्टर राजेश खन्ना ने सिनेमा की दुनिया में कई सालों तक राज किया है, वह पहले एक्टर थे जो न सिर्फ शाही जिंदगी जीते थे, बल्कि शुरुआती करियर में ही फिल्म की शूटिंग की जगह पर महंगी कार से पहुंचते थे.
महंगी कारों में ही वह इंटरव्यू देने भी जाया करते थे. 1966 में ‘आखिरी खत’ से डेब्यू करने वाले राजेश खन्ना ने ‘आराधना’, ‘कटी पतंग’, ‘आनंद’, ‘अमर प्रेम’, ‘आन मिलो सजना’, ’दाग’, ’नमक हराम’ जैसी अनगिनत हिट फिल्में दी थी.
शुरू से ही अमीर घर से ताल्लुक रखने वाले राजेश खन्ना 18 जुलाई 2012 को इस दुनिया को अलविदा कह कर चले गए. इसके बाद उनके बंगले से 64 तोहफे से भरे सूटकेस मिले, जो उन्होंने अपने जीते जी नहीं खोले थे. यह सभी ज्यों का त्यों राजेश खन्ना के आशीर्वाद बंगले से रखे थे.
लेखक गौतम चिंतामणि ने राजेश खन्ना की जीवनी पर लिखी किताब ‘डार्क स्टार’ में इस बात का जिक्र कियाा है कि राजेश खन्ना जब भी विदेश घूमने जाते थे वहां से महंगे उपहार लेकर आते थे, जो अपने प्रियजनों को नहीं देने की बजाय सूटकेस में ही रह जाते थे. अभिनेता के निधन के बाद उनके बंगले आशीर्वाद में वही 64 पैक्ड सूटकेस प्राप्त हुए, जो गिफ्ट से भरे हुए थे लेकिन आखिरी वक्त में राजेश खन्ना अकेले रहते थे कैंसर जैसी बीमारी होने के बावजूद सिगरेट पीना नहीं छोड़ते थे. उनकी पत्नी डिंपल कपाड़िया और दो बेटियां ट्विंकल खन्ना और रिंकी खन्ना भी पिता के साथ नहीं रहती थी.
लाखों के गिफ्ट लोगों को बांटने वाले लाखों दिलों की धड़कन कहलाने वाले राजेश खन्ना आखिरी दिनों में तन्हा थे और कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से जूझ रहे थे. आखिरी दिनों में वह कीमो थेरेपी ले कर कैंसर से लड़ने की भरसक कोशिश कर रहे थे . शाही जिंदगी जीने वाले राजेश खन्ना के बंगले से मिले महंगे गिफ्ट से भरे 64 सूटकेस यह बताता है कि यह सिनेस्टार मन ही मन काफी भावुक था शायद इसी वजह से वह सबके लिए तोहफे लाता था लेकिन उसे किसी को दे नहीं पाया. आखिरी दिनों में अपने दर्द को वह अकेले ही झेलता रहा.
Rajesh Khanna