Shabana Azmi : 20 मार्च, 2025 को गृहशोभा इंस्पायर अवार्ड्स 2025 का आयोजन त्रावनकोर पैलेस, नई दिल्ली में किया गया. इस सम्मान समारोह में उन इंस्पायरिंग महिलाओं को सम्मानित किया गया, जिन्होंने समाज में बेहतरीन योगदान दिया है. इसी कड़ी में शबाना आजमी जो हिंदी सिनेमा की ऐसी अदाकारा हैं जो अपनेआप को हर रोल के हिसाब से बखूबी ढाल लेती हैं, उन्हें ऐंटरटेनमैंट आइकोन कैटेगरी के लिए गृहशोभा इंस्पायर अवार्ड्स से नवाजा गया.
शबाना आजमी ने हिंदी फिल्मों के साथसाथ हौलीवुड में भी में तरहतरह के रोल अदा किए हैं. वे आज भी फिल्मों में सक्रिय हैं. एक ऐक्ट्रैस होने के साथसाथ शबाना आजमी कई सामाजिक कार्यों से भी जुड़ी रहती हैं. वैसे तो शबाना आजमी मशहूर शायर और कवि कैफी आजमी की बेटी और हिंदी सिनेमा के मशहूर लेखक, संगीतकार जावेद अख्तर की पत्नी हैं पर उन की बेहतरीन परफौर्मैंस और अदाकारी के चलते उन्हें अपने पिता और पति की पौपुलैरिटी का अपने कैरियर में सहारा नहीं लेना पड़ा.
पहली फिल्म से ही बन गई थीं स्टार
हैदराबाद में जन्मी शबाना आजमी ने अपने फिल्मी कैरियर की शुरुआत 1973 में श्याम बेनेगल की फिल्म ‘अंकुर’ से की थी. इस फिल्म में शबाना ने अपनी जोरदार ऐक्टिंग से क्रिटिक्स के साथसाथ दर्शकों को भी दीवाना बना लिया. यह फिल्म बौक्स औफिस पर हिट रही. अपनी पहली ही फिल्म के लिए उन्हें बैस्ट ऐक्ट्रैस का नैशनल अवार्ड हासिल हुआ.
शबाना भारत की पहली ऐसी ऐक्ट्रैस हैं जिन्हें 5 बार बैस्ट ऐक्ट्रैस के लिए नैशनल अवार्ड मिल चुका है. उन्हें ‘अंकुर’ के अलावा ‘अर्थ’ (1982), ‘खंडहर’ (1984), ‘पार’ (1984) और ‘गौडमदर’ (1999) नैशनल अवार्ड से नवाजा गया है.
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