Monsoon Special 2025: सीजन बदलने के साथ हाउसवाइफ के किचन से जुड़े बहुत से काम बढ़ जाते हैं. हर मौसम के हिसाब से किचन में मसालों, दालसब्जियों को अपडेट करना, किचन की सफाई करना जैसे ऐसे बहुत से काम हैं जिन्हें गिना नहीं जाता. ये तो बस औरतों के काम हैं और इन में वक्त ही कितना लगता है, यह सोच कर कोई उन की मदद के लिए आगे नहीं आता. बड़ी बात तो यह कि औरतें ही औरतों के कामों को नकार देती हैं कि आखिर वे करती ही क्या हैं.
अब वक्त आ गया है लेडीज अपने काम में अपने पति को इनवौल्व करने का. आखिर कब तक बिस्तर पर लेटे या सोफे पर बैठे बारिश की 2 बूंदें पड़ते ही चायपकौड़ों का और्डर पास करते रहेंगे और आप अकेली झलती रहेंगी हर सीजन की तैयारी?
मौनसून के साथ आती है नमी, सीलन, फफूंदी और किचन में बिन बुलाए मेहमान तिलचट्टे और कीड़ेमकोड़े. दालें सीलन से खराब न हों, मसाले महकते रहें, सब्जियां सड़ें नहीं, इन सब का इंतजाम करना कोई आसान काम नहीं.
अब जब पति को क्रिकेट के मौसम में चाय टाइम पर चाहिए तो क्या उन्हें यह नहीं पता होना चाहिए कि चायपत्ती किस डब्बे में और इलायची कहां है?
काम बांटें प्यार बढ़ाएं
– पति करें किचन की डीप क्लीनिंग, फर्श से ले कर अलमारी तक.
– पुराने मसाले, ऐक्सपायर दालें बाहर निकालें और लिस्ट बनाएं नई खरीदारी की.
– एअरटाइट कंटेनर में भरें दाल और मसाले ताकि नमी से बचें.
– सब्जियों की खरीदारी में साथ चलें और साथ में बारिश का मजा लें. और हां, अगर पति महाशय कहें कि हमें नहीं आता ये सब तो आप मुसकराते हुए कहें कि आता नहीं है, तो सीखिए. शादी सिर्फ साथ जीनेमरने का वादा नहीं, साथ मिल कर ?ाड़ूपोंछा करने का करार भी है और फिर यह घर अकेले औरत का तो नहीं. जो इस में रह रहे हैं उन सब की जिम्मेदारी है कि वे काम में हाथ बंटाएं.
क्यों जरूरी है मौनसून में किचन की खास तैयारी
मौनसून में नमी बहुत बढ़ जाती है. यह नमी सीधे असर डालती है आप की किचन की चीजों पर यानी दालों, मसालों, आटा, सब्जियों यहां तक कि लकड़ी की अलमारियों पर भी. अगर इन का ध्यान न रखा जाए तो चीजें खराब भी हो जाती हैं और फंगस व बैक्टीरिया घर कर लेते हैं. जिस से आप की किचन से बदबू सी आती है, साथ ही बीमारियां और चीजें खराब होने से ऐक्स्ट्रा खर्च भी आप की जेब पर बढ़ जाता है. इसीलिए जरूरी है कि आप थोड़ा पहले से ही किचन को मौनसून के लिए रैडी कर लें.
जरूरी यह भी है कि ये सब ऐक्स्ट्रा की जिम्मेदारी आप अकेले न लें. पति को भी किचन में बुलाएं और उन्हें दालआटे का भाव ही नहीं, वे कैसे रखने हैं, कहां रखने हैं और कैसे इस्तेमाल करने हैं यह भी सिखाएं.
अब यह कोई अकेली पत्नी की जिम्मेदारी तो नहीं कि वह अकेले सब संभालें. अब अगर आप के पति को समझ न आ रहा हो कि काम कहां से शुरू किया जाए तो आप के लिए हम सिंपल सी टू डू लिस्ट ले कर आए हैं जिसे देख कर आप के पति आसानी से किचन में अपना काम समझ सकते हैं.
मसाले और दालें फ्रैश रखने के देशी जुगाड़
एअरटाइट डब्बों का करें इस्तेमाल: सभी मसाले और दालों को प्लास्टिक की थैलियों से निकाल कर एअरटाइट कंटेनर में डालें. इस से नमी से बचाव होगा और खुशबू भी बनी रहेगी और जब पति अपने हाथों से किचन को सैट करने में मदद करेंगे तो जरूरत के टाइम उन्हें मसालों के नाम से ले कर वे कहां रखे हैं और कैसे यूज करने हैं यह भी समझ पैदा होगी.
तेजपत्ता और लौंग का कमाल: चावल, आटा और दालों में 1-2 तेजपत्ते या लौंग डाल दें. इस से कीड़े नहीं लगते और एक हलकी सी नैचुरल खुशबू भी बनी रहती है. कोशिश करें कि ज्यादा दालचावल स्टोर कर के न रखें. हफ्ते या 10 दिन के हिसाब से चीजे खरीदें. पति को बोलें पैंट्री में नई चीजें भरने से पहले जो पुरानी बची चीजें हैं उन की लिस्ट बनाएं और दोनों मिल कर पहले हफ्ते की ऐसी मिल प्लान करें कि उस में सभी पुरानी ग्रौसरी इस्तेमाल हो जाए. यह कोई साल में एक बार करने का काम नहीं है. तो पति को ऐक्टिवली इस काम की जिम्मेदारी दें. हर हफ्ते उन्हें पैंट्री से गो थ्रू करने का काम थमाएं
दालों को धूप दिखाएं: अगर 1-2 दिन धूप निकलती है तो दालों को प्लेट में निकाल कर छांव में सुखा लें. इस से अंदर की सीलन निकल जाती है. अब धूप दिखाने का जिम्मा जब पति को मिलेगा तो उन को दालों के नाम भी पता चलेंगे. अब जब कभी आप का फ्रैंड्स ट्रिप या मायके जाने का मन हो तो यह न हो कि कौन सी दाल है कहां रखी है यही पूछपूछ कर पति आप की नाक में दम करें. उन्हें पहले से कुछ बेसिक मूंग, मसूर, अरहर, चने की दाल कैसी दिखती और बनती है, यह सिखाएं.
ड्रायर्स या सिलिका जैल का उपयोग: मसालों के डब्बों में एक छोटा सा ड्रायर पैकेट रखें (जैसे जो जूतों या दवाइयों में आते हैं), नमी सोखने में मदद करेगा. यह सस्ता और सफल तरीका है चीजों को सीलन से बचाने का.
प्याजआलू को स्टोर करें स्मार्टली
कपड़े की बोरियों या टोकरी में रखें: प्लास्टिक की थैली में प्याजआलू जल्दी गलते हैं. इन्हें खुले जूट बैग या बांस की टोकरी में रखें. अपने पति को ही यह काम दें. हर 2-3 दिन में इन्हें उलटपलट दें ताकि हवा पास होती रहे और ये सड़ें नहीं.
एकसाथ न रखें: प्याज और आलू को कभी एकसाथ न रखें. दोनों से निकलने वाली गैसें एकदूसरे को जल्दी सड़ा देती हैं.
सूखे व हवादार स्थान पर रखें: किसी ऐसी जगह रखें जहां थोड़ी हवा आती रहे. बिलकुल बंद जगह में न रखें वरना नमी से सड़न बढ़ती है.
नीचे अखबार बिछाएं: इस से नमी सोखने में मदद मिलेगी और सड़ने पर साफ करना भी आसान रहेगा.
किचन क्लीनिंग
बेकिंग सोडा+विनेगर=मैजिक क्लीनर: यह कौंबो न केवल चिकनाई हटाता है बल्कि बदबू को भी भगाता है. टाइल्स, गैस चूल्हा, सिंक सब के लिए एकदम सही.
नीबू और नमक से चमकाएं स्टील के बरतन: ये पुराना नुसखा आज भी सब से ज्यादा असरदार है, साथ ही हाथों को नुकसान भी नहीं पहुंचाता. वैसे तो डिशवाशर का जमाना है या फिर हाउस हैल्प ये काम कर देती हैं लेकिन अगर मजबूरी हो तो बरतन साफ करने की जरूरत आ पड़े तो अपने ऊपर सारी जिम्मेदारी न लें. अगर खाना आप ने बनाया है तो बरतन साफ करने का जिम्मा पति को दें.
हैवी ड्यूटी क्लीनर इस्तेमाल करें
(कम समय, ज्यादा असर): मार्केट में कोलीन हैवी ड्यूटी, लाइजोल किचन डीग्रीजर, एमआर मसल और डी 40 जैसे बजट फ्रैंडली क्लीनर आते हैं जो बिना ज्यादा मेहनत के तेल की परतें हटा देते हैं.
चिमनी की टाइमटूटाइम सफाई
जरूरी है: हर 15 दिन में चिमनी के
फिल्टर को निकाल कर गरम पानी, बेकिंग
सोडा और डिशवाशिंग लिक्विड में भिगो कर साफ करें वरना तेल जमने से बदबू और कीड़े पनप सकते हैं. आप मार्केट में उपलब्ध ग्रीस क्लीनर भी यूज कर सकते हैं. Monsoon Special 2025