Perfume Guide: परफ्यूम कोई साधारण चीज नहीं होती. यह आप की मौजूदगी को यादगार बना सकता है. जब कोई आप के पास से गुजरता है और एक हलकी सी खुशबू उस के जेहन में रह जाती है तो समझिए आप ने अपने व्यक्तित्व की एक छाप छोड़ दी है. लेकिन इस असर के लिए सिर्फ अच्छी खुशबू होना काफी नहीं, उसे सही तरीके से लगाना भी आना चाहिए.
परफ्यूम लगाने का सब से अच्छा तरीका यह है कि उसे सीधा त्वचा पर लगाया जाए न कि सिर्फ कपड़ों पर. शरीर के जिन हिस्सों में नब्ज चलती है जैसे कलाई, गरदन, कान के पीछे या कुहनियों के अंदरूनी हिस्से वहां परफ्यूम लगाना ज्यादा असरदार होता है क्योंकि वहां की गरमी खुशबू को धीरेधीरे फैलने में मदद करती है.
परफ्यूम नहाने के बाद लगाना सब से अच्छा होता है लेकिन त्वचा पूरी तरह सूखी होनी चाहिए. बहुत सी महिलाएं परफ्यूम लगाने के बाद कलाई रगड़ती हैं जो एक आम गलती है. इस से खुशबू के ऊपरी नोट्स उड़ जाते हैं और उस का असर कम हो जाता है. बस स्प्रे कीजिए और उसे अपनेआप सूखने दीजिए.
मात्रा का भी ध्यान रखना जरूरी
2 से 4 स्प्रे पर्याप्त होते हैं. बहुत ज्यादा परफ्यूम लोगों को असहज कर सकता है जबकि हलकी और संतुलित खुशबू लंबे समय तक आकर्षित करती है.
अब बात करते हैं कि परफ्यूम के कौनकौन से प्रकार होते हैं और उन्हें कब और क्यों चुनना चाहिए.
सब से पहले आता है लिक्विड स्प्रे परफ्यूम, जिस में Eau de Parfum(EDP) और Eau de toilette (EDT) शामिल हैं. EDP में खुशबू का तेल अधिक होता है इसलिए यह ज्यादा देर तक टिकता है और खास मौकों के लिए उपयुक्त होता है. वहीं EDT में खुशबू हलकी होती है जो दिनभर के लिए खासकर औफिस या बाहर के काम के लिए आदर्श है.
आजकल सौलिड परफ्यूम का चलन भी बढ़ गया है. यह छोटे डब्बों में मिलता है और बाम जैसा होता है. इसे उंगली से ले कर कलाई, गरदन या कान के पीछे लगाया जा सकता है. यह लीक नहीं करता और यात्रा के लिए बहुत सुविधाजनक होता है. यदि आप सादा, साफ और निजी खुशबू पसंद करती हैं तो यह आप के लिए उपयुक्त है.
रोल औन परफ्यूम भी एक सरल विकल्प है, जिस में एक छोटा बौल होता है, जिस से परफ्यूम सीधे त्वचा पर लगाया जाता है, इस में वेस्टेज कम होती है और खुशबू देर तक बनी रहती है. यह अकसर अल्कोहल फ्री होता है इसलिए संवेदनशील त्वचा वालों के लिए अच्छा विकल्प माना जाता है.
बौडी मिस्ट हलकी और तरोताजा खुशबू देता है. इसे पूरे शरीर पर लगाया जा सकता है खासकर नहाने के बाद. गरमियों में या जब दिनभर बाहर रहना हो तब इस का इस्तेमाल राहत देता है. हां इसे दिन में 2-3 बार दोहराना पड़ता है क्योंकि इस की टिकाऊ क्षमता कम होती है.
इत्र परंपरा से जुड़ी वह खुशबू है जिसे लोग पीढि़यों से इस्तेमाल करते आ रहे हैं. यह एक तरह का शुद्ध परफ्यूम औयल होता है जिस में अल्कोहल नहीं होता. इस की सिर्फ 1 बूंद ही काफी होती है और यह दिनभर टिका रहता है. यह खासतौर पर पारंपरिक अवसरों या उत्सवों में इस्तेमाल किया जाता है.
ये खास सुझाव भी ध्यान में रखें
– बालों पर हलका परफ्यूम स्प्रे किया जा सकता है लेकिन सीधे स्कैल्प पर नहीं लगाना चाहिए.
– परफ्यूम को कभी सीधी धूप या गरमी में न रखें क्योंकि इस से उस की गुणवत्ता खराब हो जाती है.
– एकसाथ 2 अलगअलग परफ्यूम मिला कर न लगाएं क्योंकि इस से खुशबू टकरा सकती है और मनचाहा प्रभाव नहीं पड़ता.
खुशबू सिर्फ एक सुंदर एहसास नहीं बल्कि आप की पहचान भी है. आप क्या पहनते हैं, लोग एक बार देखेंगे लेकिन आप कैसी खुशबू छोड़ते हैं वह उन्हें लंबे समय तक याद रहती है. इसलिए अगली बार परफ्यूम लगाते समय सिर्फ उस की महक के बारे में न सोचें, सोचिए वह आप के बारे में क्या कहेगी. Perfume Guide