Siblings Bond: यह एक बहुत कड़वा सच है कि पैसा, प्रौपर्टी, द्वेष और जलन के चलते खून के रिश्ते में बंधे भाईबहन भी कई बार एकदूसरे के लिए मेहमान और अनजान हो जाते हैं.

एकदूसरे का हाथ थामे बड़े होने पर भाईबहन शादी होने के बाद अपने खुद के परिवार के चलते कब एकदूसरे के लिए मेहमान हो जाते हैं पता ही नहीं चलता, बचपन में पूरे हक से अपने प्यारे भाई से रक्षाबंधन पर गिफ्ट लेने के लिए बहन जहां अपने भाई पर हक जताते हुए बिना किसी संकोच के राखी का नेग ले लेती है, वहीं बड़े होने के बाद अपनीअपनी जिंदगी में व्यस्त वही भाईबहन एकदूसरे के लिए इतने अजनबी हो जाते हैं कि आपस में 10 बार सोच कर बात करते हैं कि कहीं मुंह से कोई गलत बात न निकल जाए और रिश्ते में दरार न पड़ जाए.

बचपन के साथी भाईबहन जो एकदूसरे का हर राज सीक्रेट रखते थे और अपनी हर बात एकदूसरे से शेयर करते थे, बड़ा होने के बाद अचानक ऐसा क्या हो जाता है कि वही भाईबहन एकदूसरे के लिए अजनबी हो जाते हैं, पेश है इसी सिलसिले पर एक नजर रक्षाबंधन को ध्यान में रख कर.

दिल से जुडे़ रिश्ते

भाईबहनों के रिश्ते में कड़वाहट तभी कदम रखती है जब उन के बीच प्यार के बजाय स्वार्थ, द्वेष, अमीरी और गरीबी का भेदभाव, बहन या भाई का महंगा शो औफ वाला लाइफस्टाइल सच्चे दिल से जुड़े रिश्तों के आड़े आ जाता है. ऐसे में बहुत ही कम भाईबहन होते हैं जो इन सब नकली बातों को साइड में रख कर भाईबहन का रिश्ता प्यार से निभाते हैं. ऐसे प्यार करने वाले भाई या बहन के लिए, जिन्हें पक्का यकीन होता है कि यह बंधन प्यार का बंधन है और कभी नहीं टूटेगा, वे किसी भी हाल में अपना रिश्ता निभाते हैं. लेकिन जो भाई या बहन स्वार्थ के चलते सिर्फ मतलब से रिश्ते निभाते हैं, उन का रिश्ता भी कुछ समय के बाद खत्म जैसा ही हो जाता है.

कई बार इस में गलती भाई या बहन की ही नहीं होती बल्कि मांबाप की भी होती है या भाई और बहन से जुड़े अन्य रिश्ते जैसे भाई की पत्नी और बहन के पति की दखलंदाजी भी भाईबहन के रिश्ते को खराब करने में अहम भूमिका निभाती है.

भाईबहन के रिश्ते में दरार डालने वाले रिश्तेदार

भाईबहन का साधारण सा रिश्ता जिस में ?ागड़े होते हैं लेकिन निबट जाते हैं, गुस्सा होते हैं लेकिन मना लिए जाते हैं, उस वक्त कौंप्लिकेटेड हो जाता है जब किसी तीसरे की ऐंट्री होती है जैसे शादी के बाद बहन उतनी पराई नहीं होती जितना कि भाई पराया हो जाता है. जो भाई शादी से पहले बहन को हर बात पर टोकने वाला, रोकटोक करने वाला दूसरे शब्दों में कहें तो प्रोटैक्ट करने वाला, घर में सब से ज्यादा बहन से प्यार करने वाला होता है, अचानक वह उस वक्त पराया हो जाता है, जब उस की जिंदगी में उस की पत्नी की ऐंट्री हो जाती है.

ऐसे में अगर उस भाई की पत्नी अर्थात भाभी ननद की इज्जत करती है, आवभगत करती है तो भाई भी बहन के साथ अच्छे से पेश आता है, लेकिन अगर कहीं भाभी और ननद में नहीं बनती, भाभी को ननद फूटी आंख नहीं भाती तो भाई भी बहन से कन्नी काटने लगता है. वहीं दूसरी तरफ अगर

जीजा और साले में नहीं जमती तो इस का भी बुरा असर भाईबहन के रिश्ते पर पड़ता है क्योंकि इस के बाद बहन को ससुराल से मायके आने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है.

कई बार इस रिश्ते में कड़वाहट की वजह खुद उन के मांबाप भी बन जाते हैं जो कई बार अनजाने में भाईबहन में भेदभाव करते हैं, भाई को ज्यादा प्यार और सम्मान, प्रौपर्टी में पूरा हक दे कर और बहन को गरीबी में ही मरने के लिए छोड़ देने के चलते बहन को भाई से प्रौब्लम शुरू हो जाती है और यह रिश्ता ज्यादा खराब हो जाता है.

जरूरी है समझदारी

इन्हीं वजहों से भाईबहन के पवित्र रिश्ते में कड़वाहट और दूरी आने लगती है. बाहरी रिश्ते खून के रिश्ते को कमजोर कर देते हैं. समझदारी के बजाय घमंड और स्वार्थ के चलते भाईबहन का रिश्ता इतना कमजोर हो जाता है कि रक्षाबंधन पर भी राखी के लिए ये भाईबहन मिलने नहीं आते.

ऐसे में बहुत जरूरी है कि समझदारी दिखाते हुए कड़वाहट को भूल कर अपने इस रिश्ते को पूरी ईमानदारी से बिना किसी लालच के निभाएं और रक्षाबंधन जैसे पवित्र त्योहार को हंसीखुशी मिल कर पूरे दिल से सैलिब्रेट करें क्योंकि पैसा, पावर आनीजानी चीज है, लेकिन अच्छा रिश्ता हर समय आप की ताकत बन कर सामने आ जाता है, इसलिए भाई और बहन एकदूसरे को अकेला न छोड़ें बल्कि इस रिश्ते में मजबूती लाएं जो किसी के कहने से टूटे नहीं.

Siblings Bond

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