Body Odor: कुछ लोग रोज नहाते हैं फिर भी उन के शरीर से कुछ समय के बाद ही बड़ी तेज दुर्गंध आने लगती है, जिस का आभास उन्हें तो नहीं होता, लेकिन उन की बगल में बैठे लोग उस से जरूर परेशान हो कर नाक सिकोड़ने के लिए मजबूर हो जाते हैं और सोसाइटी नौर्म्स कि आप को कहीं बुरा न लग जाए, इस असमंजस के चलते उन्हें कुछ कह भी नहीं पाते.

पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सफर करते हुए तो यह बैड बौडी ओडोर की समस्या उन्हें सभी की टेढ़ी नजरों का शिकार बना सकती है. शरीर से आती इस गंदी बदबू से पब्लिकली शर्मिंदा न होना पड़े, इस के लिए यह जानना जरूरी है कि आखिर उन का शरीर डस्टबिन के तरह क्यों महक रहा है. इस के पीछे कई कारण हो सकते हैं:

पसीने और बैक्टीरिया की जोड़ी

हमारे शरीर में अपोक्राइन ग्रंथियां होती हैं जो खासतौर पर बगल, गुप्तांग और छाती के पास होती हैं. ये ग्रंथियां पसीना तो छोड़ती हैं, लेकिन उस में मौजूद प्रोटीन और फैटी ऐसिड जब त्वचा पर मौजूद बैक्टीरिया से मिलते हैं, तब दुर्गंध पैदा होती है. ये अपोक्राइन ग्रंथिया हमारे शरीर के बालों वाले हिस्से अंडरआर्म, जांघों के बीच, सिर की स्कैल्प, गुप्तांग जैसी जगहों पर होती हैं, यह पसीना शरीर की भावनात्मक प्रतिक्रिया जैसे तनाव, डर, एक्साइटमैंट के समय भी निकलता है, न कि सिर्फ गरमी और उमस में.

हालांकि ये अपोक्राइन ग्रंथियां शरीर के लिए डिफेस लाइन बनाने का भी काम करती हैं. इस पसीने में मौजूद कुछ फैटी ऐसिड और प्रोटीन स्किन को मौइस्चराइज करते हैं और पीएच बैलेंस को मैंटेन करते हैं. यह पसीना बैरियर की तरह भी काम करता है, जिस से कुछ हानिकारक बैक्टीरिया से सुरक्षा मिलती है.

यह पसीना फेरोमोन सिग्नलिंग का भी काम करता है. अपोक्राइन ग्लैंड्स से निकले पसीने में कुछ ऐसे प्राकृतिक रसायन होते हैं जो बौडी सैंट बनाते हैं. हर इंसान का बौडी सैंट अलग होता है जो किसी को अच्छा तो किसी को बुरी लग सकता है. न्यूबौर्न बेबी का मां से अटैचमैंट, ऐनिमल्स का आप को आप की स्मैल से दूर से ही पहचान लेना या किसी की बौडी ओडोर के लिए किसी मेल या फीमेल का अट्रैक्ट होना कई मामलों में व्यक्ति के बौडी ओडोर पर निर्भर करता है.

अब चूंकि जिक्र बदबू का है तो जानते हैं शरीर पर बैक्टीरिया कहां से आते हैं जो बदबू बनाते हैं?

हमारी स्किन पर लाखों प्राकृतिक

माइक्रोब्स जैसे बैक्टीरिया, फंगी पहले से मौजूद होते हैं, जिसे स्किन माइक्रोबाइम कहते हैं. ये बैक्टीरिया और फंगी कई सारे कारणों से हमारी स्किन पर मौजूद होते हैं जैसे हमारी खुद की स्किन से जैसे मरती हुई स्किन कोशिकाएं, कपड़ों से गंदे या नम कपड़े बैक्टीरिया को पनपने का मौका देते हैं.

हाथों से बारबार छूने से क्योंकि हम अपने हाथों से बहुत से सर्फेस को टच करते हैं, उस के बाद उन्हें साबुन से अच्छे से धोए बिना हम अपने शरीर के बाकी हिस्सों को छू कर उन पर भी बाहरी बैक्टीरिया चिपका देते हैं.

गंदे टौवेल, रजाई, तकिए, फोन या टौयलेट सीट्स से पसीने से नमी बनी रहने पर.

पसीने में बदबू कैसे बनती है

जब अपोक्राइन ग्रंथियां पसीना छोड़ती हैं तो यह पसीना खुद में बदबूदार नहीं होता. लेकिन जब यह त्वचा के बैक्टीरिया से मिलता है तो बैक्टीरिया उस में मौजूद प्रोटीन और फैट को तोड़ते हैं. इस प्रक्रिया में कुछ वोलटाइल ओर्गैनिक कंपाउंड्स बनते हैं जो बौडी ओडोर पैदा करते हैं. थोड़ा और डीप में जानना चाहें तो कोरिनेबैक्टीरियम और स्टीफीलोकस होमिनिस. ये 2 मुख्य बैक्टीरिया हैं जो शरीर में बदबू पैदा करने में लीड रोल में रहते हैं.

स्वच्छता की कमी

जो लोग रोज नहीं नहाते या नहाने के बाद कपड़े न बदल कर उन्हीं पुराने गंदे कपड़ों को रिपीट करते हैं, टाइट कपड़े पहनना जिस से स्किन सांस न ले पाए इन सब कारणों से स्किन पर बैक्टीरिया बढ़ते हैं.

हारमोनल चेंजेस

टीनऐज, प्रैगनैंसी या मेनोपौज के समय हारमोन बदलते हैं, जिस से पसीने की मात्रा और उस की गंध बढ़ सकती है. इस से भी आप को बौडी ओडोर की परेशानी का सामना करना पड़ा सकता है.

डाइट

लहसुन, प्याज, मछली, शराब, मसालेदार भोजन आदि का नियमित सेवन से भी शरीर की गंध को प्रभावित करता है.

बीमारियां

डायबिटीज, लिवर या किडनी की समस्या या हाइपरहाइड्रोसिस यानी ऐक्सैसिव स्वैटिंग जैसी स्थिति में शरीर से आती बदबू सामान्य से अधिक हो सकती है.

तनाव या चिंता

जब हम तनाव में होते हैं तो शरीर में स्ट्रैस से जुड़ी ग्रंथियां अधिक सक्रिय हो जाती हैं, जिस से ज्यादा बदबूदार पसीना निकलता है.

बदबू से कैसे बचें

डेली नहाएं

रोजाना नहाना मजबूरी नहीं बल्कि अच्छी आदत है इसे अपनाएं. गरमियों में दिन में 2 बार नहाएं. ऐंटीबैक्टीरियल साबुन जैसे डिटोल स्किन केयर पीएच बैलैंस्ड बौडी वाश, सीबम्ड लिक्विड फेस ऐंड बौडी वाश, द बौडी सोप टी ट्री बौडी वाश का इस्तेमाल किया जा सकता है. हम यहां किसी ब्रैंड का प्रचार नहीं कर रहे हैं बल्कि आप को औप्शन दे रहे हैं. आप चाहें तो अपने डाक्टर की सलाह पर भी कोई ऐंटीबैक्टीरियल साबुन चुन सकते हैं.

सिर्फ भीग लेना या 2 मिनट में नहा लेना साफसफाई नहीं कहलाता. शरीर की दुर्गंध और त्वचा संबंधी समस्याओं का एक बड़ा कारण यह भी है कि बहुत से लोग नहाने की सही प्रक्रिया और महत्त्व को नहीं सम?ाते.

आप को नहाने के लिए कुनकुने पानी का इस्तेमाल करना चाहिए, इस से पोर्स खुलते हैं और यह गंदगी हटाने में मदद करता है. शरीर को अच्छे से भिगोएं कम से कम 1 मिनट ताकि स्किन नर्म हो जाए. लूफा, बौडी ब्रश या हाथ से साबुन को स्किन में घुमाते हुए 1-2 मिनट तक रगड़ें. जहां बैक्टीरिया ज्यादा पनपते हैं जैसे उंगलियों के बीच, अंडरआर्म्स, गरदन, प्राइवेट पार्ट्स, कमर इन्हें अच्छे से रगड़ें. अगर बाल धोने हैं तो पहले बालों को अच्छे से शैंपू करें ताकि बालों का गंदा पानी बौडी पर न रहे. नहा कर पोंछें भी अच्छे से, कौटन टौवेल यूज करें. अगर ढंग से नहीं पोंछने के कारण नमी रह गई तो फंगल इंफैक्शन और बदबू आ सकती है.

डियोड्रैंट या ऐंटीपर्सपिरैंट लगाएं

डियोड्रैंट गंध को छिपाता है, जबकि ऐंटीपर्सपिरैंट पसीना कम करता है. बगल या पैरों पर लगाने से फायदा मिलता है.

कपड़े बदलें और धोएं

पसीने वाले कपड़े तुरंत बदलें. कौटन या लूज कपड़े पहनें ताकि स्किन सांस ले सके. जिम के कपड़ों को बिना धोए रिपीट करने की गलती न करें.

 समस्या का समाधान क्या हो सकता है

– मसाज के तुरंत बाद कुनकुने पानी और माइल्ड ऐंटीबैक्टीरियल बौडी वाश से नहाएं सिर्फ साबुन से नहीं. बौडी स्क्रब या लूफा से रगड़ कर स्किन को साफ करें. जल्दबाजी न करें, जिनता वक्त मसाज में दिया है उतना ही बौडी को क्लीन करने में भी दें.

– मसाज के लिए औयल भी सोचसमझ कर चूज करें. सिंथैटिक या हैवी सैंटेड तेलों की जगह नारियल, तिल या जोजोबा औयल जैसे लाइट औयल इस्तेमाल करें, हर्बल औयल चुनते वक्त देख लें कि वह कैमिकल फ्री हो.

– हफ्ते में 1 बार डीप क्लीन करें. स्किन पर जमी पुरानी गंदगी और तेल हटाने के लिए मुलतानी मिट्टी, बेसन, दही और नीबू का पैक इस्तेमाल कर सकते हैं.

– पसीने वाले एरिया पर खास ध्यान दें जैसे बगलों, गरदन, पीठ और जांघों की सफाई खासतौर पर करें क्योंकि यहीं से सब से ज्यादा गंध आती है.

– मसाज के बाद पहने गए कपड़े अगर तेल सोख लें तो वे भी बदबू छोड़ सकते हैं. इसलिए तुरंत बदलें और धो कर ही दोबारा यूज करें. ज्यादा पानी पीएं, हरी सब्जियां और फल खाएं ताकि बौडी अंदर से भी डिटौक्स हो.

Body Odor

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