Footwear Guide: रवीना अपने लिए 6 हजार रुपए के वाकिंग शूज बड़े शौक से खरीद लाई परंतु घर आ कर जब उस ने सौक्स के साथ उन्हें पहना तो वे उसे टाइट लगने लगे. अब चूंकि वह एक दिन वाक कर के आ गई थी इसलिए उन्हें वापस भी नहीं किया जा सकता था.
शर्माजी को औफिस में पहनने के लिए जूते खरीदने थे. बड़ी मुश्किल से उन्हें एक शोरूम पर जूते पसंद आए, चल कर भी देखा पर जब वे औफिस पहन कर गए तो उन्हें जूते बहुत अनकंफर्टेबल लगे क्योंकि जूते उन के पैर के माप से कुछ ढीले थे.
जूते प्रत्येक इंसान की आवश्यकता होते हैं, पहले जहां बाजार में बहुत कम ब्रैंड होते थे और लोगों के पास भी एकाध जोड़ी ही जूते होते थे वहीं आजकल औनलाइन और औफलाइन जूतों के अनेक ब्रैंड उपलब्ध हैं. दूसरे वाकिंग, रनिंग, ट्रैकिंग, औफिस और पार्टी के लिए अलगअलग प्रकार के जूते उपलब्ध हैं, जिन में अवसर और उपयोगिता के अनुकूल कुशनिंग और सोल की बनावट निर्धारित की जाती है.
पैरों के लिए सही जूते होना बहुत आवश्यक होता है अन्यथा पैरों में दर्द, छाले और चुभन जैसी अनेक समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं. आजकल जूतों की कीमत भी हजारों में होती है. ऐसे में यदि आप ने जूते सावधानीपूर्वक नहीं खरीदे तो आप के हजारों रुपए बरबाद होने की संभावना रहती है.
आइए, जानते हैं कि जूते खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए:
नाप है सब से अहम
हालिया शोधों के अनुसार इंसान के बड़े हो जाने के बाद भी पैरों के नाप में मामूली सा अंतर आता रहता है इसलिए जूते या चप्पल खरीदने से पहले नाप अवश्य लें. नाप के लिए आप अपने पुराने जूतों का नंबर चैक कर के जाएं ताकि दुकानदार को नंबर बता सकें. यों तो आजकल दुकानदार के पास भी मेजरमैंट के लिए स्केल होता है परंतु कई बार उस पर भी नापने में नाप आप के असली नाप से भिन्न हो जाता है.
पंजों की चौड़ाई देखें
पैर चौड़े हैं तो तंग जूते पहनने से उंगलियों में दर्द और दबाव महसूस होगा और यदि पैर पतले हैं और चौड़ा जूता पहनेंगे तो पैरों को पर्याप्त सपोर्ट नहीं मिलेगी और पैरों में छाले पड़ने की संभावना रहेगी, इसलिए आप के पंजे यदि चौड़े हैं तो आगे से नुकीली बनावट वाले जूतों की जगह चौड़ी बनावट वाले जूतों का चयन करें.
सही समय चुनें
सुबह के समय पैर का नाप सब से सही होता है क्योंकि इस समय पैर अपने कंफर्ट लेबल में होते हैं. शाम तक कई बार एकजर्शन के कारण पैर में सूजन सी आ जाती है इसलिए जूते खरीदने शाम के समय थोड़ा आराम कर के जाएं ताकि पैरों का सही नाप मिल सके.
समझौता न करें
कुछ लोग, ‘थोड़ा से ही टाइट हैं, यूज करने के बाद लूज हो जाएंगे’ या ‘कुछ लूज हैं सौक्स के साथ सैट हो जाएंगे’ सोच कर जूता ले लेते हैं और फिर घर आ कर पछताते हैं इसलिए जूते खरीदते समय जरा भी समझौता न करें क्योंकि आप जूतों के लिए अच्छीखासी कीमत चुका रहे हैं फिर समझता क्यों करना.
उद्देश्य और बजट तय करें
आजकल चूंकि प्रत्येक गतिविधि के लिए अलगअलग जूते होते हैं इसलिए बाजार जाने से पहले यह सुनिश्चित अवश्य कर लें कि आप डेली वियर, वाकिंग, रनिंग या फिर ट्रैकिंग के लिए जूते खरीद रहे हैं. इस से दुकानदार को आप को जूते दिखाने में भी आसानी रहेगी और आप को भी चुनने में सुविधा रहेगी.
अवसर के अनुकूल खरीदें
हर अवसर के लिए अलगअलग जूते खरीदें. मसलन, रनिंग के लिए बनाए जाने वाले जूतों में अलग से कुशनिंग की जाती है ताकि किसी भी तरह के दुष्प्रभाव को रोका जा सके और उन के जोड़ भी सुरक्षित रह सकें, इसी तरह वाकिंग शूज रनिंग शूज से काफी लचीले होते हैं ताकि उन्हें पहन कर आराम से चला जा सके. ट्रैकिंग के लिए टिकाऊ, अच्छी पकड़ और टखनों को स्पोर्ट देने वाले जूते खरीद सकते हैं. वेटलिफ्टिंग के समय ऐसे जूते पहनें जिन के तले फ्लैट और सख्त हों ताकि आप के पैरों को स्पोर्ट मिल सके. खेलने के लिए ऐसे जूते पहनें जिन से एडि़यों और टखनों को स्पोर्ट मिल सके जैसेकि स्लिप औन स्नीकर्स के बजाय ऐंकल शूज चुनें.
सही ब्रैंड चुनें
सस्ता रोए बारबार, महंगा रोए एक बार की कहावत को ध्यान में रखते हुए अच्छे ब्रैंड के जूते खरीदें ताकि आप बारबार जूते खरीदने से बचे रहें क्योंकि अच्छे ब्रैंड के जूते सालोंसाल खराब नहीं होते वहीं लोकल क्वालिटी के जूते बहुत जल्दी खराब हो जाते हैं.