Shanaya Kapoor: बौलीवुड की युवा ब्रिगेड में अगर किसी गर्ल गैंग की दोस्ती सब से ज्यादा चर्चा में रहती है तो वो शनाया कपूर, सुहाना खान, नव्या नवेली नंदा और अनन्या पांडे की है. इन्हें अपकमिंग स्टार्स बताया जा रहा है. इन की दोस्ती से जुड़ी फोटोज आएदिन इंस्टाग्राम पर छाई रहती हैं. इन की फ्रैंडशिप कमाल की है. ये अकसर पार्टी, घूमनाफिरना, मौजमस्ती साथ में करती हैं. ये चारों फिल्मी घरानों से आती हैं. इन्हें अच्छाख़ासा प्रिविलेज है कि ये जब चाहें फिल्मों में कदम रख सकती हैं.
इन में से अगर अमिताभ बच्चन की नवासी नव्या नवेली नंदा को छोड़ दिया जाए तो बाक़ी तीनों ने बौलीवुड में अलगअलग समय पर अपना डैब्यू कर लिया है. हां, भले उन के काम को अभी सराहा न गया हो, काम पर खूब किरकिरी हुई हो पर मौकों की कमियां उन के पास अभी भी नहीं हैं.
इन तीनों में से शनाया कपूर ने हाल ही में आई फिल्म ‘आंखों की गुस्ताखियां’ से डैब्यू किया है, जिस में उन के को-ऐक्टर विक्रांत मैसी रहे. शनाया एक समय अचानक मशहूर हुए ऐक्टर और अनिल कपूर के भाई संजय कपूर की बेटी है. भले संजय की झोली में ‘शक्ति’ और ‘दिलबर’ जैसी कुछेक अच्छी फिल्में आईं मगर वे फ्लौप ऐक्टर में ही गिने गए.
अब उन की बेटी शनाया फिल्मों में आई है. मगर उस के लिए पहली फिल्म का एक्सपीरियंस वैसा नहीं रहा जैसा नईनवेली जोड़ी अहान पांडे और अनीत पड्डा के लिए रहा. दोनों ने एक तरह से अपनी डैब्यू फिल्म ‘सैयारा’ में सिनेमा हौल पर हंगामा बरपा दिया. और करोड़ों रुपए डैब्यू फिल्म में ही कमा डाले. यही नहीं, खुद के नाम के आगे तमाम पीआर करवा कर इन्होंने जेनजी स्टार का टैग भी ले लिया.
हालांकि ऐसा करने वाले ये पहले डैब्यू सितारे नहीं रहे. इस से पहले कुमार गौरव, शाहनी आहूजा या इमरान खान जैसे ऐक्टर आए, हंगामा बरपाया मगर फिर फिल्म इंडस्ट्री से ही गायब हो गए.
जाहिर है, जिस तरह की शुरुआत अनीत पड्डा ने की, उसी तरह की शुरुआत हर नई ऐक्ट्रैस करना चाहती है, खासकर ऐसी ऐक्ट्रैस जिस पर नैपोकिड होने का ठप्पा लगा हो. उस के लिए दर्शकों के बीच अपनी इंडिपेंडैंट इमेज बनाना सब से ज्यादा जरूरी होता है. इस मामले में शनाया असफल साबित हुई. उस की पहली फिल्म न सिर्फ फ्लौप हुई बल्कि उस के हिस्से राशा थडानी जैसा ‘उई अम्मा…’ सरीखा आइटम सौंग भी नहीं आ पाया जिस से वह चर्चा में आ पाती.
शनाया की शुरुआत
वैसे तो अपनी फिल्म ‘आंखों की गुस्ताखियां’ से बौलीवुड में डैब्यू करने से पहले शनाया कपूर ने ‘गुंजन सक्सेना : द कारगिल गर्ल’ में बतौर असिस्टेंट डायरैक्टर काम किया था. मगर बतौर ऐक्ट्रैस, वह ‘आंखों की गुस्ताखियां’ में नजर आई.
शनाया की मां महीप कपूर ज्वेलरी डिजाइनर है. उस का एक छोटा भाई भी है जिस का नाम जहान कपूर है. 3 नवंबर साल 1999 में जन्मी शनाया ने अपनी स्कूली पढ़ाई मुंबई से की. उस ने इकोले मोंडिएल वर्ल्ड स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा प्राप्त की है. इस स्कूल की केजी 1 की सालाना फीस 7 लाख रुपए बताई जाती है. यहां से एक और फिल्मी अभिनेत्री जाह्नवी कपूर ने भी अपनी पढ़ाई की है.
शनाया ने ग्रेजुएशन स्कूल औफ मैनेजमैंट स्टडीज औफ लंदन से किया है. रिपोर्ट्स की मानें तो उस ने ऐक्टिंग के साथ डांसिंग की ट्रेनिंग ली और बौलीवुड में बतौर असिस्टेंट डायरैक्टर काम करना शुरू कर दिया. इस के अलावा शनाया का रुमर्ड बौयफ्रैंड करण कोठारी को बताया जाता है जो मुंबई का बिसनैसमैन है.
अगर शनाया के नैटवर्थ की बात करें तो वह 8 करोड़ रुपए की संपत्ति की मालकिन है. इस में हैरानी नहीं कि यह उस की कमाईधमाई वाली संपत्ति नहीं बल्कि प्रिविलेज का हिस्सा है. इस प्रिविलेज का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बिना खुद को साबित किए उस के हिस्से पहली फ्लौप के बाद अपकमिंग प्रोजैक्ट्स में तेलुगू–मलयालयम फिल्म ‘वृषभ’ है जिस के 16 अक्टूबर को थिएटर्स में आने की चर्चा है. इस के अलावा ‘तू या मैं’ है, जो अगले साल रिलीज़ होगी. बताया जा रहा है कि कारन जौहर की फिल्म ‘बेधड़क’ में भी वह नजर आ सकती है.
दिखने में सुंदर मगर ऐक्टिंग में कच्ची
इस में कोई शक नहीं कि शनाया बेहद खूबसूरत ऐक्ट्रैस है और दोराय भी नहीं कि उसे यह खूबसूरती अपनी मां महीप कपूर से मिली है जो मात्र 42 साल की हैं. महीप कपूर आज भी शानदार दिखती हैं जिन्होंने 1994 में ‘निगोरी कैसी जवानी है’ में डैब्यू किया था और पहली फिल्म में बुरी तरह फ्लौप हो कर आगे फिल्मों का मोह छोड़ दिया था. जाहिर है, अपनी बेटी में अपना पुराना सपना जरूर देखा होगा.
शनाया कपूर की भी पहली फिल्म फ्लौप हुई. उस के को-एक्टर विक्रांत मैसी थे जो हाल में अपनी फिल्म ’12वीं फेल’ से काफी चर्चित हुए. मगर विक्रांत मैसी के अपोजिट फिल्म में होना यह भी दर्शाता है कि वह अपनी पहली फिल्म अपने अभिनय कौशल को दिखाने की जगह नैपोकिड के उस ठप्पे को मिटाने के लिए कर रही थी जो मीडिया या आम चलन में चर्चित हो गया है.
दरअसल, यह चलन देखा जा रहा है कि किसी स्टारकिड को लौंच करते हुए ध्यान रखा जाता है कि उस का को-एक्टर या ऐक्ट्रैस इंडस्ट्री से बाहर का हो, ताकि प्रिविलेज का तमगा हटाया जा सके या उस से बचा जा सके और लैवल ग्राउंड का नैरेटिव गढ़ा जा सके. यह सोचीसमझी मार्केटिंग स्ट्रेटजी का हिस्सा होता है क्योंकि यह तरीका भी होता है बौयकाट ट्रैंड को टैकल करने का.
बावजूद इस के, अपनी डैब्यू फिल्म में शनाया की ऐक्टिंग को ले कर कोई रिस्पौंस नहीं आया. अच्छी बात यह है कि ऐक्टिंग ख़राब हो, ऐसा नहीं दिखा मगर अच्छी हो, यह भी कहा नहीं जा सकता. हालांकि यह शनाया की पहली फिल्म है तो थोड़ा बेनिफेट औफ न्यू कमर के तौर पर मिलना चाहिए, मगर जिस तरह से बाकी स्टारकिड्स की तरह उस की लग्जरी लाइफ रही है तो वह बिना पीआर और मार्केटिंग के सफल हो, कहा नहीं जा सकता.
Shanaya Kapoor