Ambivalent Relationship: जिंदगी की भागदौड़ में कब हमारे रिश्तों में दरार आने लगती है हमें पता ही नहीं चलता. छोटीछोटी बातें राई का पहाड़ बनने लगती हैं. कभी पार्टनर एकदूसरे पर प्रेम और लगाव न्योछावर करते हैं तो कभी पलभर में ही अपने पार्टनर की शक्ल तक देखना नापसंद कर देते हैं.

ऐसे में रिश्ता खुशियों भरा कम व तनावपूर्ण ज्यादा होता जाता है, जोकि न सिर्फ शारारिक, बल्कि मानसिक रूप से भी पीड़ादायक सिद्ध होता है.

इस परिस्थिति का एक कारण रिश्ते में विश्वास की कमी होना भी है. ऐसा रिश्ता सिर्फ पतिपत्नी का ही नहीं, बल्कि किसी के साथ भी हो सकता है फिर चाहे भाईबहन, मातापिता, दोस्त कोई भी हो.

बात यदि लाइफ पार्टनर की करें तो यह जीवनभर के लिए कड़वा अनुभव होता है क्योंकि यह एक दीर्घकालिक संबंध है. इस रिश्ते में 2 लोग एकदूसरे से गहराई से जुड़े होते हैं, जिन के बीच न सिर्फ प्रेम बल्कि टकराव, संघर्ष जैसी भावनाएं भी मौजूद होती हैं. लेकिन जब प्रेम कम और टकराव रिश्ते में घर करने लगें तो समझ लें कि रिश्ता ऐंबिवेलेंट रिलेशनशिप की तरफ जा रहा है, जिसे समय रहते समझ लिया जाए तो रिश्ता टूटने व टौक्सिक होने से बचाया जा सकता है.

ऐंबिवेलेंट रिलेशनशिप

यह एक ऐसा रिश्ता है जिस में व्यक्ति के मन में एक ही व्यक्ति के प्रति मिश्रित भावनाएं होती हैं. जैसे कि पलभर में ही प्रेम और घृणा का एकसाथ होना या कभी पार्टनर की और आकर्षित होना तो दूसरे ही पल उसे अस्वीकृत करना. ऐसी दोहरी भावनाएं व्यक्ति के मन में उलझन और तनाव पैदा करती हैं.

कारण को समझें

  • पार्टनर के बीच में संवाद की कमी का होना जिस कारण एकदूसरे की बातों को सही से समझ नहीं पाते.
  • दोनों की सोच और प्राथमिकताएं एकदूसरे से अलग होना.
  • पार्टनर से अत्यधिक अपेक्षा रखना.
  • बचपन की परवरिश में अस्थिर स्नेह या असुरक्षित परवरिश का प्रभाव का होना.

प्रभाव

  • अत्यधिक मानसिक तनाव, चिंता और डिप्रैशन जैसी स्थिति की संभावना बढ़ जाती हैं.
  • रिश्ते में विश्वास व भावनात्मक रूप से जुड़ाव कम होना.
  • रिश्ते से बाहर निकलने के बारे में सोचना लेकिन पार्टनर को खोने का डर भी साथ में बने रहना.

समाधान

  • गुस्सा शांत होने पर एकदूसरे से खुल कर बात करें.
  • अत्यधिक अपेक्षाओं को हावी न होने दें. रिश्ते में सामंजस्य लाने का प्रयास करें.
  • ममता और वातसल्य निरंतरता में बनाए रखें.
  • एकदूसरे की खामियों को नजरअंदाज करने की आदत डालें.
  • काउंसलिंग या थेरैपी की सहायता लें.
  • आत्मविश्वास में कमी न आने दें.
  • एकदूसरे के साथ क्‍वालिटी टाइम बिताएं.
  • एकदूसरे के प्रति सम्मान की भावना बनाए रखें.

Ambivalent Relationship

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