Breakup At Night: आप ने कभी नोटिस किया है कि जब भी ब्रेकअप होता है, दिन में हम थोड़ाबहुत संभाल लेते हैं, लेकिन जैसे ही रात आती है, सब कुछ भारी क्यों लगने लगता है? ऐसा क्यों होता है? दिल यों बैठने क्यों लगता है और क्यों हम बारबार पुराने चैट्स खोलते हैं, पुराने पलों को याद करते हैं या फिर उस इंसान की प्रोफाइल तक जा पहुंचते हैं जिसे छोड़ने का या खोने का दर्द अभी तक गया नहीं? ऐसा होने के कई कारण हैं.

रात की शांति में मन की आवाज ज्यादा तेज सुनाई देती है

दिन में हमारे पास बहुतकुछ करने को होता है. कालेज जाना, औफिस का काम, दोस्तों से मिलना, बाहर जाना, ट्रैफिक, शोरशराबा. लेकिन जैसे ही रात होती है, सब शांत हो जाता है. और जब बाहर की आवाजें कम हो जाती हैं तब हमारे अंदर की आवाजें तेज हो जाती हैं.

यादें, बातें, लड़ाइयां सबकुछ फिर से जेहन में ताजा हो जाता है

अनुष्का का ब्रेकअप हुआ था 2 महीने पहले. दिन में वह अपने औफिस और जिम में बिजी रहती थी, लेकिन रात को जब वह अकेले अपने कमरे में होती तो रोके न रुकती. वह कहती है, दिन में सब ठीक लगता है, पर रात में ऐसा लगता है जैसे सबकुछ टूट गया हो.

थकावट से हैवी होते इमोशन

जब हम थके होते हैं तो हमारी मानसिक ताकत कम हो जाती है. हम उतने मजबूत नहीं रह पाते जितने दिन में रहते हैं. और अगर ब्रेकअप के बाद हमारी नींद भी डिस्टर्ब हो रही है तो दिमाग थक चुका होता है. ऐसे में इमोशन्स का बहाव और भी ज्यादा होता है.

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