Hindi Love Story: हौजरी की फैक्टरी में कार्यरत किरण तेजी से कपड़ों की पैकिंग में व्यस्त थी. तभी उस की नजर दीक्षा पर पड़ी. दीक्षा को कंपनी में भरती हुए अभी 1 महीना ही हुआ था लेकिन उस की सूनी आंखें एक दर्द समेटे हुए नजर आती हैं. दीक्षा अकसर काम के बीच में रुक जाती और उस की आंखें शून्य में कुछ तलाशने लगती हैं.

किरण भी क्या करे? इस छोटी सी नौकरी के बदौलत किसी तरह अपनी सम्मानजनक जिंदगी को बना कर रखे हुए है. उस का दुख कम है क्या? 25 वर्ष की उम्र तक आते हुए वह इतनी सख्त और भावनाओं से रहित हो जाएगी यह उसे खुद पता नहीं था.

अपने सहकर्मी के संग वह जल्दी घुलतीमिलती नहीं है, यह सोच कर कि क्या बातें होंगी? वही लौट कर पुरानी, घरगृहस्थी और बच्चों की बातें. यही विषय उसे बातचीत करने से रोकते हैं. शादीशुदा औरतों का तो यही रोना रहता है कि मेरे पति को क्या पसंद है या वे मेरे लिए क्या उपहार लाया या मैं ने उस के लिए क्या पकाया, मेरा बच्चा सब से स्मार्ट और मेरा पति सब से भोला, इन्हीं सब बातों से उसे चिढ़ हो जाती थी. जैसे कल की ही बात हो.

वह छोटे से शहर सीतापुर में अपने मम्मीपापा और छोटे भाई के साथ रहती थी. उस का गांव सीतापुर से मात्र 15 किलोमीटर पर है. आम, अमरूद के बगीचे और सब्जी की खेती से प्राप्त आय के अतिरिक्त उस के पिताजी ने टैक्टर की ऐजेंसी भी ले रखी है साधनसंपन्न घर में उस की बहुत लाड़प्यार से परवरिश हुई. 12वीं कक्षा पास करते ही किरण ने आगे की पढ़ाई के लिए लखनऊ जाने की जिद लगा दी.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
₹ 499₹ 399
 
सब्सक्राइब करें

गृहशोभा सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • गृहशोभा मैगजीन का सारा कंटेंट
  • 2000+ फूड रेसिपीज
  • 6000+ कहानियां
  • 2000+ ब्यूटी, फैशन टिप्स
 
गृहशोभा इवेंट्स में इन्विटेशन

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
₹ 1848₹ 1399
 
सब्सक्राइब करें

गृहशोभा सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • गृहशोभा मैगजीन का सारा कंटेंट
  • 2000+ फूड रेसिपीज
  • 6000+ कहानियां
  • 2000+ ब्यूटी, फैशन टिप्स
  • 24 प्रिंट मैगजीन
गृहशोभा इवेंट्स में इन्विटेशन
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...